Thursday, 28 May 2015

संतान से सम्बन्धित कुछ जानकारी ...

जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………
मित्रों आप सब को आचार्य हेमंत अग्रवाल का नमस्कार। मित्रों मैं आप सब का धन्यवाद करता हूँ कि आप सब समय निकाल कर मेरे आर्टिकल्स पड़ते हैं और उनसे अधिक अधिक लाभ उठाते हैं। अगर आप सब को आर्टिकल्स में किसी  सब्जेक्ट के बारे में और अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो आप निसंकोच मुझसे संपर्क कर सकते हैं। जो कि मुझे आर्टिकल्स को और भी बेहतर बनाने में उत्साहित करेगा। मित्रों अगर आप की ज़िंदगी में कोई भी समस्या चल रही है और आप उससे निजाद पाना चाहते है तो मुझे ज़रूर लिखें और मैं पूरी कोशिश करूंगा कि उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी आप लोगों को मुहैया करवा सकूँ।
मित्रों आज मैं आपको संतान से सम्बन्धित कुछ जानकारी दे रहा हूँ। हमारी जन्म कुंडली में नर संतान का कारक का ग्रह केतु और जन्म कुंडली का पांचवां घर होता है।
कन्या संतान का कारक ग्रह बुध होता है। जिस समय जो ग्रह अच्छे हालात में होगा। केतु या बुध उसी प्रकार से संतान का जन्म होता है। केतु अच्छी हाल में हो कुंडली के घर 1, 9 या 12 में तो पुत्र हो और बुध अच्छी हालात में हो तो कन्या संतान का जन्म होता है।
सन्तान के जन्म के लिए गुरु देव ब्रह्स्पति, शुक्र, चंद्र के साथ साथ मंगल देव की सहायता की भी जरूरत होती है। गुरु चंद्र शुक्र मंगल अच्छी हालत में हों तो ऐसे व्यक्ति के वीर्य में किसी प्रकार की समस्या नहीं होती। चंद्र देव जब शनि देव से पीड़ित हों तब वीर्य में पतले पन की परेशानी होती है। वीर्य में स्पर्म की मात्रा कम हो जाती है। जिस कारण गर्भ धारण ना हो पाना या चंद्र देव कुंडली के घर 11 में बैठे हों तो भी केतु की हानि करते हैं। केतु देव कुंडली के घर 8 में मतलब मौत के घर में बैठे हों तब भी सन्तान समस्या रहती है।
राहु कुंडली के घर 5 जो सन्तान से सम्बंधित है में बैठ जाएँ तो पुत्र सन्तान को गर्भ में ही ख़राब करते हैं। राहु घर 5 में अमूमन पहली नर सन्तान को ही गर्भ में नष्ट करते हैं। लेकिन अगर कन्या सन्तान गर्भ में स्थित हो तो राहु देव का बुरा असर नहीं होता।
इसी प्रकार शनि देव को भी घर 5 में बच्चे खाने बाला सांप बोला जाता है।
अगर सन्तान से सम्बंधित उपरोक्त परेशानी हो तो गुरु देव को ठीक करने के लिए साथ ही चंद्र देव को गुरु की सहायता दिलवाने के लिए दूध में केसर मिला के पियें।
सोने की सुई को आग में लाल करके दूध में बुझा कर दूध पियें।
स्वर्ण भस्म का उपयोग करें।
अगर शुक्र देव को राहु ख़राब कर रहा हो तो राहु के उपाय करें और राहु से सम्बंधित सामान जैसे कच्चे कोयले बंद घड़ियां खोटे सिक्के तेजाब आदि सामान घर से निकलें। नीले रंग के कपडे ना पहने।
अगर चंद्र देव शनि से पीड़ित हों तो चंद्र को बल दें शनि देव के सामान जैसे पक्के कोयले लोहे के पुराने सामान आदि घर से दूर करें। शनि के रंग जो की काला है तो काले कपडे ना पहने।
चंद्र को स्थापित करें साथ ही चंद्र को मंगल की सहायता पहुंचाएं।
केतु को ठीक करने के लिए कुत्ता पालें। कुत्ते की सेवा करें। केतु को गुरु की सहायता पहुंचाएं मतलब कानो में ठोस सोना डालें।
मंगल बद हो तो मंगल बद के उपाय करें।
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। 
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है। 
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य को दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 11000.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है। 
आचार्य हेमंत अग्रवाल 
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860960309 
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a033@gmail.com 
सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें। 
माता रानी सब को खुशीआं दे।

Sunday, 24 May 2015

देश के जाने माने व्यक्तियों की कुण्डलियाँ (पोस्ट 3 - माननीय सुषमा स्वराज) .....

मित्रों आज से हम एक नई सेवा का आगास करने जा रहे है। इस में हम देश के जाने माने व्यक्तियों की कुंडलियों पर चर्चा करेंगे। (इस पोस्ट में जो भी फलादेश दिए गए हैं वे सब स्वर्गीय पंडित रूपचंद जोशी जी के द्वारा रचित लाल किताब के नियमों पर आधारित हैं। यह पोस्ट ज्योतिष सीखने या उसमे रूचि रखने वाले व्यक्तियों के लिए दी गई हैं ना कि किसी व्यक्ति विशेष की भावनाओं को ठेस पहुँचाने के मकसद से नहीं। अगर किसी भी व्यक्ति को इस पोस्ट से कोई भी आपत्ति हो वह तुरंत मैसेज बॉक्स में मैसेज छोड़ दे या इस पोस्ट के बारे में अपनी कोई भी राय देना चाहता हो वह भी मैसेज बॉक्स में अपनी राय दे। इस का हम तह दिल से स्वागत करते हैं।) मित्रों अगर आप की कुंडली में भी ऐसा योग हैं और आप को उस का सही फल नहीं मिल पा रहा हो तो एक बार आप अपनी कुंडली का विश्लेषण किसी ज्योतिषाचार्य से अवश्य करवाएं।

मित्रों मेरा राजनीति और  राज नेताओं से कोई सम्बन्ध नहीं है और न ही किसी व्यक्ति विशेष से। यह पोस्ट मैं किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं लिख रहा हूँ। मेरे लिए यह मात्र जातक की कुंडली है जिसमें ग्रहों के  योग बहुत ही प्रबल स्थिति में हैं।  हाल ही में मैने एक पोस्ट  पड़ा कि दिल्ली की एक ज्योतिष पत्रिका के मई 2009 के अंक में एक लेख छपा था, 'कौन बनेगा प्रधानमन्त्री ?'' इस में कई कुण्डलियों का खुलासा किया गया। सुषमा स्वराज जी के बारे में ज्योतिषी जी ने लिखा, '' सुषमा जी पर वर्तमान समय में प्रभावी शनि और बुध की दशा 30-11-2009 तक चलेगी। इस अवधि में उनके प्रधानमन्त्री बनने की प्रबल सम्भावना है।'' आगे चलकर प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह जी के बारे में लिखा,'' दूसरी बार प्रधानमन्त्री बनने में कठिनाई होगी।''
खैर लोकसभा चुनाव हुए। मनमोहन सिंह जी बिना चुनाव लड़े दोबारा प्रधानमन्त्री बन गए। कोई कठिनाई न हुई। अब क्या कहें ? या तो कुण्डलियां ठीक नही या फिर ज्योतिषी जी गलती कर गए। चलिए लाल किताब के हिसाब से कुण्डलियों का निरिक्षण कर  लें। 
सुषमा जी की कुण्डली के खाना नं 10 में सुरज को ग्रहण राहु से और खाना नं 5 में चन्द्र को ग्रहण शनि से। किस्मत का घर खाना नं 9 में बुध, ऐसी हालत में प्रधानमन्त्री बनने की बात कुछ समझ में न आए। 
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। 
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है। 
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य को दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 11000.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है। 
आचार्य हेमंत अग्रवाल 
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860960309 
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सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें। 
माता रानी सब को खुशीआं दे।

देश के जाने माने व्यक्तियों की कुण्डलियाँ (पोस्ट 2 - डा मनमोहन सिंह) ....

मित्रों आज से हम एक नई सेवा का आगास करने जा रहे है। इस में हम देश के जाने माने व्यक्तियों की कुंडलियों पर चर्चा करेंगे। (इस पोस्ट में जो भी फलादेश दिए गए हैं वे सब स्वर्गीय पंडित रूपचंद जोशी जी के द्वारा रचित लाल किताब के नियमों पर आधारित हैं। यह पोस्ट ज्योतिष सीखने या उसमे रूचि रखने वाले व्यक्तियों के लिए दी गई हैं ना कि किसी व्यक्ति विशेष की भावनाओं को ठेस पहुँचाने के मकसद से नहीं। अगर किसी भी व्यक्ति को इस पोस्ट से कोई भी आपत्ति हो वह तुरंत मैसेज बॉक्स में मैसेज छोड़ दे या इस पोस्ट के बारे में अपनी कोई भी राय देना चाहता हो वह भी मैसेज बॉक्स में अपनी राय दे। इस का हम तह दिल से स्वागत करते हैं।) मित्रों अगर आप की कुंडली में भी ऐसा योग हैं और आप को उस का सही फल नहीं मिल पा रहा हो तो एक बार आप अपनी कुंडली का विश्लेषण किसी ज्योतिषाचार्य से अवश्य करवाएं। 

मनमोहन सिंह जी की कुण्डली के खाना नं 10 में सुरज बुध इकट्ठे, राज दरबार सम्बन्ध और सरकारी नौकरी । किस्मत का घर खाना नं 9 में बृहस्पति, सुनहरी खानदान, जैसे जैसे उम्र बढ़े वैसे वैसे तरक्की करे। मंगल और पापी ग्रह भी नेक। ऐसी हालत में प्रधानमन्त्री बनने की बात समझ में आए। अगर पगड़ी का रंग सफेद या हल्का शर्बती हो तो बेहतर होगा । 
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। 
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है। 
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य को दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 11000.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है। 
आचार्य हेमंत अग्रवाल 
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860960309 
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a033@gmail.com 
सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें। 
माता रानी सब को खुशीआं दे।

Friday, 22 May 2015

शुक्र देव से मिलने वाले सुखों में परेशानी .....

जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………

मित्रों आप सब को आचार्य हेमंत अग्रवाल का नमस्कार। मित्रों मैं आप सब का धन्यवाद करता हूँ कि आप सब समय निकाल कर मेरे आर्टिकल्स पड़ते हैं और उनसे अधिक अधिक लाभ उठाते हैं। अगर आप सब को आर्टिकल्स में किसी  सब्जेक्ट के बारे में और अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो आप निसंकोच मुझसे संपर्क कर सकते हैं। जो कि मुझे आर्टिकल्स को और भी बेहतर बनाने में उत्साहित करेगा। मित्रों अगर आप की ज़िंदगी में कोई भी समस्या चल रही है और आप उससे निजाद पाना चाहते है तो मुझे ज़रूर लिखें और मैं पूरी कोशिश करूंगा कि उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी आप लोगों को मुहैया करवा सकूँ।  
मित्रो आज मैं आपको शुक्र देव से मिलने वाले सुखों में परेशानी होने के एक विशेष कारण, सूर्य देव के सम्बन्ध में बता रहा हूँ। सूर्य देव शुक्र को कैसे ख़राब करते हैं। मतलब शुक्र देव के सुखों को हानि कैसे पहुचाते हैं।

  • जब सूर्य के साथ या सूर्य की दृष्टि में शनि देव आ जाएँ तब शुक्र देव का ही नुकसान होता है।
  • जब सूर्य के साथ शुक्र देव एक ही घर में या किसी वर्ष फल में सूर्य की दृष्टि शुक्र देव के ऊपर पड़ रही हो तब भी शुक्र देव के सुखो में कमी हो जाती है।
  • जब सूर्य देव शुक्र देव के पक्के घर 7 में बैठ जाएँ तब भी शुक्र देव के फलों में परेशानी होती है।
  • जब सूर्य देव घर 12 जोकि बिस्तर के सुखों का घर है बंहा पर सूर्य देव बैठ कर शुक्र के सुखो का नाश करते हैं। क्योंकि विस्तर के सुख का कारण शुक्र देव हैं। साथ ही शुक्र को फूल भी बोला जाता है और सूर्य तो आग का विशाल गोला है तो आग के पास फूल जल जाता है और हाँ एक बात और सूर्य 12 वाले जातक का जीवन साथी बिस्तर पर प्यार कम और झगड़ा ज्यादा करता है। इस प्रकार से सूर्य देव शुक्र को हानि पहुंचाते हैं।
शुक्र देव के सुख क्या हैं ये भी बता देता हूँ। पति पत्नी के जितने भी सुख जैसे सम्भोग के सुख, आपसी मिजाज का अच्छा होना, घर सुंदर और घर में साज सज्जा के भरपूर सामान, साथ ही घर में लुक्षुरिऔस सामान की कोई कमी ना होना। अच्छे शुक्र वाले व्यक्ति सुंदर होते हैं। उन्हेँ सुंदर सुंदर कपड़े पहनने का शौक होता है । अच्छे शुक्र बाले जातक का साथी वफादार होता है। वो खुद भी अपने साथी के लिए वफादार होता है। शरीर एक दम फिट होता है। शरीर में भरपूर जोश होता है ऐसे व्यक्ति घूमने फिरने के शौकीन होते हैं। अपने साथी का भरपूर ध्यान रखते हैं। रुपया पैसा की कोई कमी नहीं होती और ऐसे व्यक्ति की बुद्धि भी तेज होती है।
यँहा पर मैने सूर्य और शुक्र के सम्बन्ध में कुछ बातें आप लोगों के साथ शेयर की हैं और उपरोक्त हालात के विषय में नीचे कुछ सावधानियां भी लिख रहा हूँ जिनको अपना कर आपको फायदा जरूर होगा।
एक बात और भी बता दूं । आज मैने आपको उपरोक्त हालात की सावधानियां भी लिख रहा हूँ। जिनसे आपको फायदा जरूर होगा। तो जब आप लाल किताब के उपाय करोगे तो कितना फायदा होगा।
अगर आप की जन्म कुंडली में शुक्र देव सूर्य देव के कारण खराब या बुरे फल दे रहे हैं तो निम्न लिखित सावधानियां अपनाएं :

  • दिन में सम्भोग कभी ना करें।
  • गुड़ का सेवन ना करें।
  • गुड़ गेंहू और ताम्बे का घर पर स्टॉक ना करें।
  • सोने बाले कमरे में साज सज्जा का सामान जरूर रखें।
  • बिस्तर कटा फटा या गन्दा ना हो।
  • बिस्तर पर खाना ना खाएं।
  • सुबह जल्दी बिस्तर छोड़ने की आदत बनाएं।
  • सुबह जल्दी नहा धो लें।
  • रोज प्रेस किये कपड़े पहने।
  • सूर्य को जल ना दें।
  • लाल रंग के कपड़े ना पहनें।
  • Deo, परफ्यूम, सेंट, इत्र का इस्तेमाल रोज करें।
  • घर में खुशबू का वातावरण बनाने के लिए अगरबत्ती धुप रोज जलाएं।
  • काले रंग की गाय की खूब सेवा करें।
उपरोक्त सावधानियां अपना कर शुक्र देव के सुखों को बड़ाया जा सकता है।
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। 
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है। 
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य को दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 11000.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है। 
आचार्य हेमंत अग्रवाल 
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860960309 
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a033@gmail.com 
सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें। 
माता रानी सब को खुशीआं दे।

Thursday, 21 May 2015

माँ की गोद .....

जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………
मित्रों आप सब को आचार्य हेमंत अग्रवाल का नमस्कार। मित्रों मैं आप सब का धन्यवाद करता हूँ कि आप सब समय निकल कर मेरे आर्टिकल्स पड़ते हैं और उनसे अधिक से अधिक लाभ उठाते हैं। अगर आप सब को आर्टिकल्स में किसी सब्जेक्ट के बारे में और अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो आप निसंकोच मुझसे संपर्क कर सकते हैं। जो कि मुझे आर्टिकल्स को और भी बेहतर बनाने में उत्साहित करेगा। मित्रों अगर आप की ज़िंदगी में कोई भी समस्या चल रही है और आप उससे निजाद पाना चाहते है तो मुझे ज़रूर लिखें और मैं पूरी कोशिश करूंगा कि उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी आप लोगों को मुहैया करवा सकूँ। 
माँ की गोद, माँ का प्यार, माँ का दूध, माँ की ममता, दिल और दिमाग की शांति मन और घर की शांति रुपया पैसा का सुख माँ, दादी, नानी और मासियों के भर पूर सुख। घर परिवार के सुख और माँ को अपने जीवन काल में कोई बड़ी परेशानी नही होती।
मित्रो मैने ऊपर जो सुख लिखे हैं वो चंद्र देव के सुख हैं। चन्द्र देव अच्छे हाल हों तब ऐसे सुख जरूर मिलते हैं।
साथ ही उसी कुंडली में गुरु देव ब्रह्स्पति भी अच्छे घर में साफ सुथरे होकर बैठे हों तो सोने पर सुहागा वाली बात होगी। मेने अपनी जिंदगी में ऐसी बहुत सी कुण्डलियाँ देखी हैं कि बच्चे के जन्म से ही घर के हालात बदलने लगे और ऐसा भी देखा है की नयी बहू के कदम ससुराल में पड़ते ही ससुराल की किस्मत चमकने लगी ये सारे हालात तब होते हैं जब किसी बच्चे की जन्म कुंडली में चन्द्र और ब्रह्स्पति दोनों शुभ स्थिति में अपने घर या मित्र घरों में बैठे हों। मित्रो जिन लोगों की जन्म कुंडली में चंद्र देव अच्छी हालात में बैठे हों तो उपरोक्त सुख जरूर होते हैं।
जिन कुंडलियों में चन्द्र देव राहू, केतु या शनि से पीड़ित हों साथ में बैठ कर या दृष्टी सम्बन्ध होने के कारण तो उपरोक्त सुखों की कमी होती है। साथ ही ऐसा जातक डबल माइंडेड या कन्फ्यूजन में रहता है। किसी भी बात का सही निर्णय नही ले पाता। उसको माँ, दादी, नानी से कोई विशेष लाभ नहीं मिलता उल्टा उसकी माँ, दादी, नानी की जिंदगी में ही परेशानी बनी रहती है। माँ की फिजिक कमर, पाँव, जोड़ों में दर्द या पिता से परेशान रहती है।
ऐसे जातक को इंसान पहचानने की बुद्धि नहीं होती नर्म दिल होता है जिस कारण ऐसे जातक को दुसरे लोगों से धोखे मिलते हैं।
कंसंट्रेशन पॉवर (एकाग्र शक्ति) कमजोर होती है जिस कारण ऐसा व्यक्ति कोई भी काम लम्बे समय तक टिक के नहीं कर पाता।
चंद्र देव बुरे घरों में हों और उनको शनि, राहू, केतू पीड़ित कर रहे हों तो ऐसे जातक के रूपये पैसे या प्रॉपर्टी पर दुसरे लोग मौज करते हैं। 
चंद्र देव भी मन्दे हों और उसी समय बुध देव भी मन्दे हाल हों और दोनों नीच या अपने दुश्मन ग्रहों से संबंध (कन्सर्न) करें तो सोच ख़राब हो जाती है और इज्जत मान भी नष्ट हो जाता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में चन्द्र देव नीच के या मन्दे हाल हों तो ऐसे व्यक्ति को समझाना या नसीहत देने का कोई लाभ नहीं मिलता क्योंकि ऐसा व्यक्ति जिद्दी हो जाता है और अपने आगे किसी की नही सुनता।
जिस कुंडली में चन्द्र देव और गुरु देव (ब्रह्स्पति) दोनों मन्दे नीच या दुश्मन ग्रहों से पीड़ित हो रहे हों तो ऐसा जातक दो नम्बर के कामों की तरफ जल्दी आकर्षित हो जाता है।
जिन लोगों की जन्म कुंडली में चन्द्र और बुध दोनों एक साथ हों तो ऐसा व्यक्ति ज्यादा जिद्दी और उसका दिल और दिमाग एक तरफा सोच का हो जाता है। जिस कारण ऐसे व्यक्ति को बड़ी बड़ी परेशानियों से गुजरना पड़ता है।
जिन लोगों की जन्म कुंडलियों में अकेले चन्द्र देव अच्छे हाल हो तो उसके अन्य ग्रह भी ज्यादा बुरा फल नहीं देते क्योंकि चन्द्र देव को सभी ग्रहों की माँ माना जाता है। 
चन्द्र देव का सम्बन्ध शुक्र देव के साथ भी अच्छा नहीं होता जिसकी कुंडली में चन्द्र और शुक्र एक साथ बैठे हो उसके घर में सास बहू का झगड़ा होता है। माँ को आँखों या चमड़ी से सम्बंधित परेशानी होती है। साथ ही ऐसे जातक की बढ़ती उम्र में रुपया पैसा और गृहस्थी से सम्बंधित परेशानियों से गुजरना होता है।
चन्द्र देव के पक्के घर 4 और सूर्य के घर 5 (लाल किताब में घर 5 को गुरु का पक्का घर माना जाता है) में पापी ग्रह शनि, राहू या केतु बैठे हों तो उस जातक की करीब करीब पूरी जिंदगी ही उथल पुथल से भरी रहती है।
चन्द्र देव घर 6, 8, 10, 12 में नीच के होते हैं या ऐसा कहें कि यहां चन्द्र देव अशुभ फल देते हैं । किसी जातक की कुंडली में चन्द्र इन घरों में हों और पापी ग्रहों शनि, राहू, केतू के साथ या इन पापियों की दृस्टि में हों तो जातक को रात में दूध नहीं पीना चाहिए।
चन्द्र को स्थापित करना चाहिये घर में ज्यादा से ज्यादा गंगा जल स्टॉक करें।
चांदी के बड़े से बर्तन में गंगा जल डाल के 4 चांदी के चौकोर टुकड़े दालें।
चांदी का चौकोर टुकड़ा 1×1" का चांदी की चैन में गले में दालें।
शनि, राहू,केतू के मन्दे सामान घर से बाहर करें।
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। 
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है। 
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य को दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 11000.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है। 
आचार्य हेमंत अग्रवाल 
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860960309 
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a033@gmail.com 
सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें। 
माता रानी सब को खुशीआं दे।

दान से सम्बंधित कुछ नियम .....

जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………
मित्रों आप सब को आचार्य हेमंत अग्रवाल का नमस्कार। मित्रों मैं आप सब का धन्यवाद करता हूँ कि आप सब समय निकाल कर मेरे आर्टिकल्स पड़ते हैं और उनसे अधिक अधिक लाभ उठाते हैं। अगर आप सब को आर्टिकल्स में किसी  सब्जेक्ट के बारे में और अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो आप निसंकोच मुझसे संपर्क कर सकते हैं। जो कि मुझे आर्टिकल्स को और भी बेहतर बनाने में उत्साहित करेगा। मित्रों अगर आप की ज़िंदगी में कोई भी समस्या चल रही है और आप उससे निजाद पाना चाहते है तो मुझे ज़रूर लिखें और मैं पूरी कोशिश करूंगा कि उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी आप लोगों को मुहैया करवा सकूँ।
मित्रो आज मैं आपको दान से सम्बंधित कुछ नियम जो की लाल किताब ज्योतिष में बहुत महतवपूर्ण हैं। लाल किताब में एक नियम है क़ि जो ग्रह आपकी कुंडली में नीच होकर बैठे हैं, उनसे सम्बंधित वस्तुएं दान करें और जो ग्रह आपकी कुंडली में उच्च के बैठे हों उनसे सम्बंधित वस्तुएं आप दान ना करें, ना ही फ्री में किसी को दें और न ही उपहार में दें
नीच का ग्रह - जो ग्रह आपकी कुंडली में नीच का बैठा होगा वो आपको बुरा फल देगा मतलब उस ग्रह से सम्बंधित रिस्तेदार आपको नुकसान पहुचायेंगे उनसे आपको कष्ट मिलेगा। उस ग्रह से सम्बंधित काम काज में नुकसान होगा। उस ग्रह से सम्बंधित सुख आपको नहीं मिलेंगे। बल्कि उस ग्रह से सम्बंधित सुख आपके लिए दुःख का कारण बनेंगे और लाल किताब में नियम है कि जो ग्रह नीच मतलब हमारे जीवन में दुःख का कारण है उस ग्रह से सम्बंधित सामान हम अपने से दूर करें मतलब उस ग्रह का दुष प्रभाव अपने आप से दूर करें और जब आप उस नीच के ग्रह की वस्तुएं दान या गिफ्ट करेंगे तो उस नीच ग्रह का दुष्य प्रभाव आपकी औरा से दूर हो जायेगा जिससे आपको उस नीच ग्रह के दुष्प्रभाव से बचाव होता रहेगा।
उदाहरण - मंगल खाना नंबर 4 में नीच के होते हैं जंहा वो घर में खुशियाँ नहीं मनाने देते शादी व्याह देर से होते हैं उसमे भी कलेश का वातावरण बन जाता है। भाई भाई, यार दोस्त में सम्बन्ध ख़राब हो जाते हैं। मंगल के खाना नंबर 4 में नीच होने के कारण तो यहां पर हमें मंगल की वस्तु मीठा या मिठाई, पतीसा ग़रीबों में बाटें या दान करें या मसूर साबुत जल प्रवाह करें या दान करें
उच्च के ग्रह - जो ग्रह आपकी कुंडली में उच्च का बैठा होगा वो ग्रह आपको शुभ प्रभाव देगा तो उस ग्रह से सम्बंधित रिस्तेदार आपको फायदा पहुंचाएंगे उस ग्रह से सम्बंधित काम काज आपके लिए अच्छा रहेगा और उस ग्रह के सुख आपको खुल के मिलेंगे।
उदाहरण - गुरु देव ब्रह्स्पति घर 4 में उच्च के होते हैं। गुरु घर 4 में बैठ कर अपना शुभ प्रभाव देते हैं जिस कारण ऐसे व्यक्ति को अपने बुजुर्गों से भरपूर प्यार रुपया पैसा प्रॉपर्टी मिलती है घर में सब लोग मिल के रहते हैं घर के बच्चों की पढ़ाई लिखाई अच्छी प्रकार से होती है। घर के बच्चों को अच्छे संस्कार मिलते हैं। लेकिन आप गुरु से सम्बंधित सामान सोना, केसर, हल्दी, चना दाल किसी को दान या फ्री में ना दें क्यूंकि उपरोक्त सुख जो आपको मिल रहे हैं वो गुरु के शुभ प्रभाव के कारण मिल रहे हैं। अगर आप गुरु की वस्तुओं को दान करेंगे तो गुरु का शुभ प्रभाव आपकी ओरा से दूर होती जायेगी जिसकी बजह से आपके जीवन में गुरु के अच्छे फल मिलने बंद हो जायेगें
लेकिन यंहा पर एक बात जो चंद्र देव के विषय में मान्य है बता दूं। सभी ग्रहों में अकेले चंद्र देव ऐसे हैं जो नीच के बैठे हो तब भी चंद्र से सम्बंधित सामान दान ना करें। चंद्र देव घर 8 में नीच के होते हैं इसके अतिरिक्त घर 6,12 में भी अपने नीच फल के होते हैं पर चंद्र के नीच होने पर भी चंद्र देव से सम्बंधित सामान का दान नहीं करना चाहिए। क्योंकि चंद्र घर 6,8,12 में कमजोर हो जाते हैं और चंद्र देव हमेशा पॉजिटिव एनर्जी ही देते हैं। क्योंकि चन्द्र देव को माँ माना जाता है और माँ कभी भी किसी भी हालात में अपनी औलाद का बुरा नहीं सोचती। इस कारण चंद्र की पॉजिटिव एनर्जी जो उनके कमजोर होने से पहले ही कम है, उसे दान या गिफ्ट देने से वो और भी कम हो जायेगी। जब चंद्र देव घर 6,8,12 में हों तो दूध पानी चावल चीनी और चांदी का दान या गिफ्ट नहीं करें।
इसके अतिरिक्त और भी नियम हैं जिनका पालन करने से हमारी जिंदगी में आने बाले बुरे समय को टाला जा सकता है।
  • शुक देव जब घर 9 में हों तो और सन्तान ना हो तो किसी का बच्चा गोद ले लिया जाये तो बर्बादी का कारण बनेगा।
  • शनि घर 10 में हों और व्यक्ति धार्मिक स्थान या तीर्थ यात्रा पर तो एक बार उठेगा जरूर लेकिन उठने के बाद ऐसा गिरेगा की दुबारा उठना मुश्किल हो जायेगा।
  • गुरु घर 10 के समय व्यक्ति अध्यात्म की तरफ ना जाये बल्कि चंट चालाकी से अपना काम काज करे तो ही अच्छा रहेगा।
  • सूर्य घर 7 या 8 में हों तो सूर्य उदय से पहले और सूर्य अस्त के बाद किया हुआ दान जीवन बर्बाद कर देगा।
  • चंद्र घर 4 और गुरु घर 10 में आमने सामने बैठ जाएँ तो मंदिर ना बनबाये ना ही मंदिर बनबाने के लिए कोई सामान या रुपया पैसा दें। ऐसा करने पर झूठे इल्जाम लगते हैं।
  • चंद्र घर 12 में हों तो किसी बच्चे को फ्री में ट्यूशन ना दें ना ही ना ही पाठ्य सामग्री दें और ना ही साधू महात्मा को चाय पानी की पूछे ना ही उनके साथ रहें, नहीं तो आखिरी समय पानी के लिए भी तरसना पड़ जायेगा।
  • शनि देव घर 8 में हों और व्यक्ति धर्मशाला बनबाये या धर्मशाला को बनबाने में सामान या रुपया पैसा दे तो सिर पर मौत मंडराने लगेगी।
  • गुरु घर 7 में हों तो कपड़े का दान ना करें खास तौर से उतरे कपड़े और रेडीमेड कपड़े नहीं तो खुद बिना कपड़े के रहना पड़ जायेगा। साथ ही साधू महात्मा से भी दूर रहें।
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। 
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है। 
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य को दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 11000.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है। 
आचार्य हेमंत अग्रवाल 
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860960309 
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a033@gmail.com 
सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें। 
माता रानी सब को खुशीआं दे।

भाई और बहन के सम्बन्ध ......


जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………
मित्रों आप सब को आचार्य हेमंत अग्रवाल का नमस्कार। मित्रों मैं आप सब का धन्यवाद करता हूँ कि आप सब समय निकाल कर मेरे आर्टिकल्स पड़ते हैं और उनसे अधिक अधिक लाभ उठाते हैं। अगर आप सब को आर्टिकल्स में किसी सब्जेक्ट के बारे में और अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो आप निसंकोच मुझसे संपर्क कर सकते हैं। जो कि मुझे आर्टिकल्स को और भी बेहतर बनाने में उत्साहित करेगा। मित्रों अगर आप की ज़िंदगी में कोई भी समस्या चल रही है और आप उससे निजाद पाना चाहते है तो मुझे ज़रूर लिखें और मैं पूरी कोशिश करूंगा कि उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी आप लोगों को मुहैया करवा सकूँ। 
मित्रो आज में आपको भाई और बहन के सम्बन्ध कब और किस हालात में अच्छे और बुरे हो जाते हैं। वो भी भारतीय ज्योतिष की एक प्राचीन पद्धति ( लाल किताब ) के अनुसार बता रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ आप भी मेरी इस पोस्ट से सहमत होंगे।
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध देव बुरे नीच के घर 3, 8, 9 और 12 में बैठ जाएँ। जँहा वो अपना नीच प्रभाव देते हैं। बुध का सम्बन्ध मंगल देव या केतु देव के साथ हो जाये तब भी बुध देव का आपना और मंगल, केतु का अच्छा फल भी खराब हो जाता है।
हमारी जन्म कुंडली में बुध पारिवारिक रिस्ते में बहन के क़ारक होते हैं। इस कारण से जिन जातकों के बुध देव उपरोक्त हालात में हों तो बुध देव का बुरा असर बहन के साथ रिश्ते पर सबसे ज्यादा पड़ता है।

भाइयो मैं आज आपको बुध के विषय में कुछ रोचक जानकारी दे रहा हूँ। हकीकत में बुध देव का असर हमारी जिंदगी में घर में साथ ही हमारे शरीर पर सबसे ज्यादा है। इंसानी शरीर में जितनी भी नसें और नाड़ियाँ होती हैं वो सब बुध के अधिकार में होती हैं। इंसानी बुद्धि, सीखने की छमता, व्यापार की बुद्धि। बुआ, बहन, बेटी के सुख, अच्छे बुध बाला व्यकति बातों ही बातों में अपने बडे बड़े काम आसानी से करवा लेता है।
जिन लोगों की जन्म कुंडली में बुध देव अच्छे हाल होंगे उनको उपरोक्त अनुसार बुध के अधिकार छेत्र के सुख मिलेंगे और जिन लोगों की जन्म कुंडली में बुध बुरे नीच के होंगे उनको उपरोक्त सुखों की कमी रहेगी।
आज मैं आपसे बहन भाई के रिश्ते के विषय में बता रहा हूँ। तो बुध देव के नीच या दुश्मन ग्रहों के साथ होने से बहन के साथ सम्बन्ध खराब तो होते ही हैं साथ ही माता पिता की प्रॉपर्टी रुपया पैसा के लिए कोर्ट कचहरी तक होती है। अगर बहन से सम्बन्ध अच्छे रहें तो बहन अपनी ससुराल, पति या अपनी सेहत को ले कर परेशान रहती है। मतलब है क़ि अकेले बुध के बुरे हाल नीच या दुश्मन ग्रहों के साथ सम्बन्ध् हो जाने के कारण भाई बहन का पवित्र रिश्ता भी ख़राब हो जाता है या बहन की जिंदगी में सुख नष्ट हो जाते हैं।
इसके अतिरिक्त बुध का सम्बन्ध मंगल देव के साथ हो जाये तो अन्य बहुत सी दिक्कत परेशानियां का जन्म होता है। साथ ही ऐसे जातक के भाई बहन अपनी पूरी जिंदगी संघर्ष करते हैं। बार बार मेहनत करके ऊपर चढ़ते हैं बार बार नीचे गिरते हैं। जबकि ऐसा व्यक्ति खुद भी और उसके भाई बहन बहुत ही मेहनती होते हैं। दिल से सच्चे होते हैं। पर जिंदगी में बार बार ऊपर नीचे झूलते हैं।
इसी प्रकार से जब बुध का सम्बन्ध केतु देव के साथ हो जाये तब भी बहन को परेशानी या बहन से परेशान होना पड़ता है। साथ ही ऐसे व्यक्ति के सभी काम काज में रुकावटें आती हैं।
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें।  
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है। 
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य को  दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 2100.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है।  
आचार्य हेमंत अग्रवाल 
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860954309 
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a024@gmail.com 
सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें। माता रानी सब को खुशीआं दे।

ग्रहों के बुरे प्रकोप से होने वाली बिमारियाँ (भाग 2) ......

जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………मित्रों आप सब को आचार्य हेमंत अग्रवाल का नमस्कार। मित्रों मैं आप सब का धन्यवाद करता हूँ कि आप सब समय निकल कर मेरे आर्टिकल्स पड़ते हैं और उनसे अधिक से अधिक लाभ उठाते हैं। अगर आप सब को आर्टिकल्स में किसी सब्जेक्ट के बारे में और अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो आप निसंकोच मुझसे संपर्क कर सकते हैं। जो कि मुझे आर्टिकल्स को और भी बेहतर बनाने में उत्साहित करेगा। मित्रों अगर आप की ज़िंदगी में कोई भी समस्या चल रही है और आप उससे निजाद पाना चाहते है तो मुझे ज़रूर लिखें और मैं पूरी कोशिश करूंगा कि उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी आप लोगों को मुहैया करवा सकूँ।
नफ़ा नुक्सान, फतह शिकस्त, सुख दुख, सेहत बीमारी, ज़िन्दगी के हर दो पहलू हैं। वर्षफल के हिसाब से खाना नं. 3, 5, 8 , 11 की मन्दी हालत से मन्दे नतीजे होंगे। अगर यह सब खाने खाली हों तो खाना नं. 4 भेदी होगा।
बीमारी का आगाज़ खाना नं. 8 से शुरू होगा। खाना नं. 2-4 बहाना होंगे। खाना नं. 10 इसमें लहरें बढ़ा देगा। खाना नं. 5 रूपए पैसे का खर्च और खाना नं. 3 दुनिया से चले जाने का हुक्म सुना देगा। खाना नं. 3 के ग्रह खाना नं. 8 की मन्दी हालत से बचाने वाले होंगे बशर्ते कि खाना नं. 11 के दुश्मन ग्रहों से वह मन्दा न हो। आखिरी अपील सुनने का मालिक चन्द्र होगा। अगर चन्द्र खाना नं. 4 में बैठा हो और राहु केतु खाना नं. 2-8 या 6-12 में बैठे हों तो उम्र के ताल्लुक में कोई मन्दा असर न लेंगे। 
चूंकि बीमारी का बहाना खानां. 2 से शुरू होता है और उसमें लहरें खाना नं. 10 पैदा करेगा। इसलिए जब खाना नं. 2 बाहम दुश्मन ग्रह बैठे हों या उनका असर खाना नं. 8 में बैठे हुए दुश्मन ग्रहों के सबब से मन्दा हो रहा हो तो ऐसी ज़हर का खाना नं. 2 पर कोई बुरा असर न होगा । मगर उसी वक्त खाना नं. 10 खाली न हो तो खाना नं. 2 में पैदाशुदा ज़हर बीमारी का बहाना और उसमें लहरों की रफ्तार में ज़रूर दखल देगी। लेकिन अगर खाना नं. 10 खाली हो तो नं. 2 के बाहम दुश्मन ग्रहों का बीमारी के ताल्लुक में कोई दखल न होगा। 
मन्दे ग्रह जिस दिन खाना नं. 3 या 9 में आवें, बुरा वाक्य होगा। जिसकी बुनियाद पर राहु केतु की शरारत होगी। राहु की बुरी भली तासीर का पता बुध और केतु की नेक व बद नियत का सुराग बृहस्पति बता देगा। जिसकी रोकथाम खाना नं. 8 से और मुकम्मल इलाज खाना नं. 5 करेगा। लेकिन अगर खाना नं. 5 खाली हो तो उम्दा सेहत होगी और अगर बीमार हो भी जाए तो खुद-ब-खुद ही तन्दरूस्त हो जायेगा। खुलास्तन खाना नं. 3 बीमारी के बहाना से अगर बर्बादी देता है तो खाना नं. 5 मुर्दा जिस्म में रूह वापिस डाल देता है। इन दोनों खाना नं. 3 और 5 की बुनियाद खाना नं. 9 होगा। अगर खाना नं. 3 व 5 दोनो ही खाली हों तो नं. 2, 6, 8, 12 का मुश्तर्का फैसला, नतीजा होगा। जिसकी आखिरी अपील चन्द्र पर होगी। बृहस्पति मन्दा हो तो खाना नं. 5 पर मन्दा असर होता है। 
खाना नं. 3, 9 मन्दे हो तो नं. 5 मन्दा होगा। लेकिन अगर खाना नं. 9 में सूरज या चन्द्र हो तो नं. 5 उम्दा होगा। खाना नं. 10 के लिए नं. 5, 6 के ग्रह ज़हरी दुश्मन होंगे । जन्म कुण्डली में जब सूरज या चन्द्र के साथ शुक्र बुध या कोई पापी बैठा हो तो जिस वक्त वह नं. 1, 6, 7, 8, 10 में आवें, सेहत के ताल्लुक में मन्दा वक्त होगा। 
ग्रह व बीमारी का ताल्लुक
जब कोई बीमारी तंग करे तो फौरन उसके मुताल्लका (सम्बन्धित) ग्रह का उपाय करें तो मदद हो जायेगी। मुश्तर्का (इकट्ठे) ग्रहों की हालत में उस ग्रह का उपाय करें जिसके असर से दूसरा ग्रह भी बर्बाद हो रहा हो । मसलन् बृहस्पति राहु मन्दे के वक्त राहु का उपाय मददगार होगा। 
ग्रह मुताल्ल्का बीमारियां
  • बृहस्पति : सांस, फेफड़े के अमराज़ (मर्ज़)
  • सूरज : दिल धड़कना सूरज कमज़ोर जब चन्द्र की मदद न मिले। पागलपन, मुंह से झाग निकलना, अंग की ताकत बेहिस (बेकार) हो जाना। सूरज नं. 6 बुध नं. 12 ब्लड प्रैशर की बीमारी । 
  • चन्द्र : दिल की बीमारियां, दिल धड़कना, आंख के डेले की बीमारियां।
  • शुक्र : ज़िल्द के अमराज़ खुजली, चम्बल वगैरह। नाक छेदन से मदद होगी। 
  • मंगल : नासूर, पेट की बीमारियां, हैज़ा, पित्त, मेदा ।
  • मंगल बद : भगंदर (फोड़ा), नासूर ।
  • बुध : चेचक, दिमागी ढांचा की बीमारिया, खुशबू या बदबू का पता न लगना, नाड़ों, ज़ुबान या दांत की बीमारियां। 
  • सनीचर : बीनाई (नज़र) की बीमारियां, खांसी , दमा, चश्म की बीमारियां। दरिया में नारियल बहाना मददगार 
  • राहु : बुखार, दीमागी अमराज़, प्लेग, हादसा, अचानक चोट ।
  • केतु : अज़ू (जोड़), रेह (गैस), दर्द जोड़, आम फोड़े फुंसी, रसौली, सुजाक, आतशक (गर्मी,लू) , पेशाब की बीमारी, बेहद एहतिलाम, कान के अमराज़ रीढ़ की हड्डी, हर्निया, अज़ू का उतर जाना या भारी होना। 
  • बृहस्पति राहु या बृहस्पति बुध : दमा, साँस की तकलीफ
  • राहु केतु या चन्द्र राहु : बवासीर ,पागलपन, निमोनिया 
  • बृहस्पति राहु या सूर्य शुक्र : दम, तपेदिक 
  • बुध बृहस्पति या मंगल सनीचर : कोढ़ खून के अमराज़, जिस्म का फट जाना।
  • शुक्र राहु : नामर्दी (नपुंसक) ।
  • शुक्र केतु : एहतिलाम (स्वप्न दोष) ।
  • बृहस्पति मंगल बद : यरकान ।
  • चन्द्र बुध या मंगल का टकाराव : ग्लेन्ड्ज़ (गाँठ)
अगर घर से बीमारी दूर ही न होती हो या एक बाद दूसरा बीमार हो जावे तो:-
  1. घर के तमाम मैम्बरों और आये मेहमानों (औस्तन) की तादाद से चंद एक ज्यादा मीठी रोटियां, चाहे छोटी-छोटी हों पका कर महीनें में एक दफ़ा बाहर जानवरों, कुत्तों, कौवों वगैरह को डाल दिया करें। 
  2. हलवा कद्दू पका हुआ, ज़र्द रंग और अन्दर से खोखला तीन महीने में एक बार धर्म स्थान में रख दिया करें।
  3. अगर कोई मरीज़ शिफ़ा (आराम) ना पावे तो रात को उसके सिरहाने रूपया पैसा रखकर सुबह भंगी को 40-43 दिन देवें। यह पिछले जन्म का लेन देन का टैक्स होता है। 
  4. जब कभी शमशान या कब्रिस्तान में से गुज़रने का मौका मिले तो रूपया पैसा वहां गिरा दिया करें। निहायत गैबी मदद होगी। 
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। 
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है। 
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आचार्य हेमंत अग्रवाल 
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Sunday, 17 May 2015

बुरे ग्रह का भी अच्छा फल .......

जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………
मित्रों आप सब को आचार्य हेमंत अग्रवाल का नमस्कार। मित्रों मैं आप सब का धन्यवाद करता हूँ कि आप सब समय निकल कर मेरे आर्टिकल्स पड़ते हैं और उनसे अधिक से अधिक लाभ उठाते हैं। अगर आप सब को आर्टिकल्स में किसी  सब्जेक्ट के बारे में और अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो आप निसंकोच मुझसे संपर्क कर सकते हैं। जो कि मुझे आर्टिकल्स को और भी बेहतर बनाने में उत्साहित करेगा। मित्रों अगर आप की ज़िंदगी में कोई भी समस्या चल रही है और आप उससे निजाद पाना चाहते है तो मुझे ज़रूर लिखें और मैं पूरी कोशिश करूंगा कि उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी आप लोगों को मुहैया करवा सकूँ।  
मित्रो आज मैं एक स्वाभाविक बात कहना चाहता हूँ। लाल किताब व् अन्य ज्योतिषीय पद्धतियों में एक साधारण समानता है। लेकिन सिर्फ लाल किताब के ज्योतिष ही ये बात खुल कर बोलते हैं कि आपका कोई भी ग्रह बुरा होतो बहुत कम उपाय करके, बुरे ग्रहों से सम्बंधित रिस्तेदार और जीव् जन्तुओं की सेवा करके, उन्हें मान् सम्मान देकर बुरे ग्रह का भी अच्छा फल लिया जा सकता है। लाल किताब के नज़रिये से देखो तो बुरे से बुरे ग्रह को भी ठीक किया जा सकता है।
गुरु देव बृहस्पति दादा बुजुर्ग सन्यासी कुलपुरोहित के कारक होते हैं। जब गुरु के अच्छे फल ना मिल रहे हों तब गुरु के सम्बंधित रिस्तेदारो की  सेवा और पूजना करो और उन्हें खुश रखो।
अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य देव मन्दे नीच के या अपने दुश्मन ग्रहों के साथ बैठे होने के कारण आपको बुरे फल दे रहे हों तो सबसे पहले देखो की सूर्य देव के रिस्तेदार कौन हैं। मैं बताता हूँ जमीन पर जनक ही सूर्य देव के प्रतीक होते हैं जनक मतलब पिता जो हमे पालते पोसते हैं। इसके अतिरिक्त सरकार का सम्बन्ध भी सूर्य देव के साथ होता है। तो मित्रो सूर्य देव के उपाय करने के साथ साथ पिता की खूब सेवा करें। उनका सम्मान करें। उनकी जरूरतों का ध्यान रखें। पिता के पांव को हाथ लगा कर आशीर्वाद लें। सरकार के खिलाफ कोई काम ना करें। धरना प्रदर्शन जो कि सरकार के खिलाफ होते हैं उनसे दूर रहें। सरकार के टैक्स ईमानदारी से चुकाएँ। तो सूर्य के कम उपाय करके भी सूर्य देव के अच्छे फलों का आनन्द लिया जा सकता है।
अगर किसी जातक की जन्म कुंडली में चन्द्र देव बुरे हाल में हो या नीच पापी ग्रहों से पीड़ित होने के कारण अपना अच्छा फल ना दे रहें हो तो चन्द्र देव तो आकाश में दूर एक ग्रह हैं जो अपना अच्छा या बुरा फल इतनी दूर से दे रहें हैं लेकिन मेरी दृष्टि में चन्द्र देव का ही जीवित स्वरूप् धरती पर आपकी माँ हैं। जो आपके बहुत ही नजदीक हैं जो आपसे बात करतीं हैं। जो आपको प्यार भी बहुत करतीं हैं। तो आप चन्द्र देव के कितने भी उपाय करलें अगर आपने अपनी माँ की सेवा नहीं की उन्हें मान सम्मान नहीं दिया तो फिर आप चन्द्र देव के जितने भी उपाय करलें, सब व्यर्थ में ही कर रहे हैं। अगर आपकी जन्म कुंडली में चन्द्र देव बुरे नीच के या पीड़ित होकर बैठे हैं तो चन्द्र देव के उपाय करने के साथ ही आप अपनी माँ की खूब सेवा करें उनका कहना माने उन्हें भरपूर मान सम्मान दें और साथ ही दादी, नानी और मौसीयों को  भी मान सम्मान दें और अधिक से अधिक सेवा करें। विधवा औरतों के भी पाँव में हाथ लगा कर आशीर्बाद लें। सेवा करें तो चंद्र देव के बुरे प्रभावों को ठीक किया जा सकता है। याद रखें सिर्फ निर्जीव वस्तुओं के उपाय करके पूरा लाभ नहीं होगा घर परिवार व् समाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा तब ही बुरे ग्रहों के उपाय पूरी तरह लाभदायक सिद्ध होंगे।
शुक्र देव का सम्बन्ध हमारे जीवन साथी से है। उसका सम्मान करें। प्यार करे उसके लिए वफादार रहें।
मंगल देव भाई और मित्रो के जीवित स्वरूप् धरती पर हैं उनके लिए वफादार रहें उनकी गलतियों को अनदेखा करें उनसे प्यार करें। उनका ध्यान रखें।
बुध देव बुआ बहन बेटियों के जीवित स्वरूप् धरती पर हैं। उनकी सेवा पालना और जिम्मेदारी उठाने से बुध देव अच्छे फल देंगें।
शनि देव के जीवित स्वरूप् चाचा और मजदूर हैं। चाचा को खुश रखे मजदूरो के साथ नरम व्यवहार रखें।
राहू देव ससुराल के कारक होते हैं ससुराल से बना कर रहें। ससुराल बालों को इज्जत की नजर से देखें ससुराल से अच्छे सम्बन्ध बनायें।
केतू देव का सम्बन्ध हमारी जिंदगी में नर औलाद से होता है और जो बच्चे 12 साल से कम उम्र के हों इस उम्र के बच्चों और अपनी नर औलाद का ध्यान रखे उनका पालन पोषण सही तरीके से करे । इसके अतिरिक्त किसी भी जानवर के पिल्लै खास कर कुत्ते के बच्चे केतु का अवतार होते हैं तो कुतों को खाना दें उनकी पालना करें ।
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। 
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है। 
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य को दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 11000.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है। 
आचार्य हेमंत अग्रवाल 
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860960309 
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a033@gmail.com 
सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें। 
माता रानी सब को खुशीआं दे।

Sunday, 10 May 2015

परीक्षा देने वाले विधिार्थिओं के लिए उपाय


जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ……… 
इस लेख में उन बच्चों के लिए लिख रहा हूँ जो अभी पड़ लिख रहे हैं और आने बाले महीनों में उनके एग्जाम होने हैं। जो बच्चे पड़ने लिखने में अच्छे हैं और जो बच्चे पड़ने लिखने में कमजोर हैं, उन दोनों के लिए समान रूप से उपयोगी हैं। आजमा के देखें लाभ जरूर मिलेगा।
एक बात और लाल किताब के उपाय करने में बहुत ही आसान कम खर्चीले और खुद ही किये जा सकते हैं।
अगर आपका बच्चा एग्जाम नजदीक देखकर घबरा रहा है तो एक पुराना छेद बाला ताम्बे का पैसा खाखी रंग के धागे में बच्च्वे के गले में डाल दें।
मूंग साबुत फिटकरी के पानी में भिगो कर रात को सिरहाने रखें सुबह बाहर कहीं पक्षियों को डाल दें।
बच्चों को जीभर के खेलने कूदने दें जिससे बच्चों को खुली हवा मिले।क्यूंकि जब बच्चा खेलेगा तब बो खुल के ऑक्सीजन को अंदर लेगा जिससे गुरु देव ब्रह्स्पति का अच्छा प्रभाव पड़ेगा किउंकि ऑक्सीजन पर गुरु का अधिकार हैं और गुरु देव ही ज्ञान को देने बाले हैं। 
अगर आपका बच्चा डब्बल माइंड कनफयूजन में रहता है तो मिटटी के कुल्हड़ में दूध मंदिर में रखबायें।
दूध में शहद डाल के पिलायें। 
बच्चे को माँ दादी नानी बुजुर्ग औरतों या बिधबा औरतों के पाँव हाथ लगबा के आशीर्वाद दिलबायें।
काले और नीले रंग के कपडे बच्चों को ना डालने दें।
अगर स्कूल ड्रेस में काला या नीला रंग हो तो बच्चे की जेब में लाल रंग का रूमाल रखें।
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। 
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है। 
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य को दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 11000.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है। 
आचार्य हेमंत अग्रवाल 
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860960309 
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a033@gmail.com 
सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें। 
माता रानी सब को खुशीआं दे।

Thursday, 7 May 2015

बुरे ग्रहों के प्रकोप से होने वाली बिमारियाँ (भाग 1) ......

जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ……… 
मित्रो आज मैं आप सभी को लाल किताब के आधार पर बुरे ग्रहों के प्रकोप से होने वाली कुछ बिमारियों का एक छोटा सा परिचय देने जा रहा हूँ। मित्रों आप को जान कर हैरानी होगी कि आज संसार में बहुत सी बीमारियां ऐसी है जिन के कारणों का अभी तक पता नहीं लग सका है। जैसे कि एक बीमारी है लकवा जिसे इंग्लिश में पेरलाइस भी कहते हैं। लेकिन लाल किताब में ऐसी बीमारी के होने के योगों के बारे में पता लग जाता है।  
मित्रो लाल किताब ज्योतिष में किसी की भी जन्म कुंडली देख कर आसानी से ये पता चल जाता है कि फलां व्यक्ति को किस उम्र में कौन सी बीमारी होने के आसार हैं और सही समय पर कुंडली दिखा कर लाल किताब के उपाय कर लिए जाएँ तो इन बुरी बिमारियों से बचाव आसानी से सम्भव है।
  • गुस्सा ज्यादा, जब किसी की कुंडली में सूर्य घर 1 में हो,सूर्य मंगल एक साथ हों,सूर्य शनि एक साथ या सूर्य शनि मंगल एक साथ हों तो ऐसे व्यक्ति को ज्यादा गुस्सा और जल्दी ही गुस्सा आ जाता है।
  • बुध मंगल एक साथ हों तो ऐसे व्यक्ति को खून से सम्बंधित परेशानी से गुजरना होता है साथ ही जब मंगल के कारण से बुध ज्यादा खराब हो जाये तो हाई प्रेशर की परेशानी, साथ ही मंगल बुध दोनों ज्यादा बुरे हाल तो पागल पन की बीमारी हो जाती है और गैस एसिडिटी कब्ज की भी शिकायत रहती है। इस योग के कारण लिवर से सम्बंधित बीमारी भी हो जाती हैं।
  • मंगल शनि का योग भी गैस की परेशानी देता है।
  • शनि देव घर 1 में हों तो भी गैस की प्रॉब्लम देते हैं।
  • सूर्य शुक्र एक साथ हों तो शरीर में जोश की कमी हो जाती है। ऐसे व्यक्ति में सेक्स की छमता कमजोर हो जाती है। जीवन साथी के शरीर में भी अंदरूनी बीमारी हो जाती है।
  • राहू शुक्र के मिलने से व्यक्ति को नपुंसकता अनुभव होती है। क्योंकि ऐसा व्यक्ति कम उम्र में ही अपने वीर्य को नष्ट कर लेता है। वीर्य से सम्बंधित बीमारी जैसे स्पर्म की कमी आदि।  इसके अतिरिक्त शरीर में कैलशियम की कमी हो जाती है।
  • बुध और गुरु देव मिलते हों तो अस्थमा या साइनस की बीमारी हो जाती है। ये दोनों जिस घर में बैठे हों उस घर से सम्बंधित बीमारी भी देते हैं। जैसे दोनों खाना नं 7, 12 में बैठ जाएँ तो नपुंसकता तक बना देते हैं।
  • सूर्य बुध राहू मिलते हों तो आथरायटिश की बीमारी देते हैं।
  • सूर्य नीच का या शनि राहू के साथ सम्बन्ध बना ले और गुरु बुध या गुरु राहू का योग हो जाये तो पीलिया जैसी गन्दी बीमारी जीवन में कई बार होती है।
  • जिस व्यक्ति की कुंडली में केतु देव नीच के होंगे उसके कमर पाँवो जोड़ों में दर्द की शिकायत बनी रहेगी। साथ ही उसे पेशाब और किडनी के परेशानी भी देते हैं। "इस के बारे में मैंने विस्तार से पहले पोस्ट में लिखा था। " 
  • बुध गुरु,राहू गुरु दिमाग को सही दिशा नहीं मिलने देते। अजीब अजीब सी भ्रांतियां होती हैं।
  • मंगल बुध एक साथ और सूर्य शनि भी मिल रहे हों तो कैंसर जैसी बुरी बीमारी बन जाती है। 
  • राहू गुरु मिलते हों तो अस्थमा, tb(तपेदिक), फेफड़ों से सम्बंधित और साँस की तकलीफ देते हैं।
  • चन्द्र देव जब शुक्र देव के साथ मिलते हो तो आँखों और चमड़ी से सम्बंधित बीमारी जैसे सफेद दाग, चमड़ी पर चककत्ते आदि हो जाते हैं।
  • चन्द्र बुध जिस जातक की कुंडली में मिलते हों वो व्यक्ति बहुत ही जिददी हो जाता है और जिद ज्यादा होने के कारण किसी की बात नहीं मानता और अपना जीवन नर्क बना लेता है।
  • सूर्य मंगल बुध या बुध मंगल मिलते हों तो ऐसे व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत कम उम्र में शुरू हो जाती है। नासिकायों या नाड़ियों में ब्लोकेज हो जाती हैं। खून से सम्बंधित बीमारी परेशानी खड़ी रहती है।
  • केतु खराब नीच के मन्दे हों और गुरु देव भी बुरे हाल साथ ही चन्द्र देव भी नीच मन्दे हों तो नर औलाद पैदा करने की शक्ति नष्ट हो जाती है। लेकिन कन्या सन्तान पैदा होने में कोई परेशानी नहीं होगी।
  1. नफ़ा नुक्सान, फतह शिकस्त, सुख दुख, सेहत बीमारी, ज़िन्दगी के हर दो पहलू हैं। वर्षफल के हिसाब से खाना नं. 3, 5, 8 , 11 की मन्दी हालत से मन्दे नतीजे होंगे। अगर यह सब कुण्डली के खाने खाली हों तो खाना नं. 4 भेदी होगा।
  2. बीमारी का आगाज़ खाना नं. 8 से शुरू होगा। खाना नं. 2,4 बहाना होंगे। खाना नं. 10 इसमें लहरें बढ़ा देगा। खाना नं. 5 रूपए पैसे का खर्च और खाना नं. 3 दुनिया से चले जाने का हुक्म सुना देगा। खाना नं. 3 के ग्रह खाना नं. 8 की मन्दी हालत से बचाने वाले होंगे बशर्ते कि खाना नं. 11 के दुश्मन ग्रहों से वह मन्दा न हो। आखिरी अपील सुनने का मालिक चन्द्र होगा। अगर चन्द्र खाना नं. 4 में बैठा हो और राहु केतु खाना नं. 2,8 या 6,12 में बैठे हों तो उम्र के ताल्लुक में कोई मन्दा असर न लेंगे। 
  3. जैसा कि बीमारी का बहाना खानां. 2 से शुरू होता है और उसमें लहरें खाना नं. 10 पैदा करेगा। इसलिए जब खाना नं. 2 बाहम दुश्मन ग्रह बैठे हों या उनका असर खाना नं. 8 में बैठे हुए दुश्मन ग्रहों के सबब से मन्दा हो रहा हो तो ऐसी ज़हर का खाना नं. 2 पर कोई बुरा असर न होगा । मगर उसी वक्त खाना नं. 10 खाली न हो तो खाना नं. 2 में पैदाशुदा ज़हर बीमारी का बहाना और उसमें लहरों की रफ्तार में ज़रूर दखल देगी। लेकिन अगर खाना नं. 10 खाली हो तो नं. 2 के बाहम दुश्मन ग्रहों का बीमारी के ताल्लुक में कोई दखल न होगा। 
  4. मन्दे ग्रह जिस दिन खाना नं. 3 या 9 में आवें, बुरा वाक्य होगा। जिसकी बुनियाद पर राहु केतु की शरारत होगी। राहु की बुरी भली तासीर का पता बुध और केतु की नेक व बद नियत का सुराग बृहस्पति बता देगा। जिसकी रोकथाम खाना नं. 8 से और मुकम्मल इलाज खाना नं. 5 करेगा। लेकिन अगर खाना नं. 5 खाली हो तो उम्दा सेहत होगी और अगर बीमार हो भी जाए तो खुद-ब-खुद ही तन्दरूस्त हो जायेगा। खुलास्तन खाना नं. 3 बीमारी के बहाना से अगर बर्बादी देता है तो खाना नं. 5 मुर्दा जिस्म में रूह वापिस डाल देता है। इन दोनों खाना नं. 3 और 5 की बुनियाद खाना नं. 9 होगा। अगर खाना नं. 3 व 5 दोनो ही खाली हों तो नं. 2, 6, 8, 12 का मुश्तर्का फैसला, नतीजा होगा। जिसकी आखिरी अपील चन्द्र पर होगी। बृहस्पति मन्दा हो तो खाना नं. 5 पर मन्दा असर होता है। 
  5. खाना नं. 3, 9 मन्दे हो तो नं. 5 मन्दा होगा। लेकिन अगर खाना नं. 9 में सूरज या चन्द्र हो तो नं. 5 उम्दा होगा। खाना नं. 10 के लिए नं. 5, 6 के ग्रह ज़हरी दुश्मन होंगे। जन्म कुण्डली में जब सूरज या चन्द्र के साथ शुक्र बुध या कोई पापी बैठा हो तो जिस वक्त वह नं. 1, 6, 7, 8, 10 में आवें, सेहत के ताल्लुक में मन्दा वक्त होगा। 
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। 
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आचार्य हेमंत अग्रवाल 
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फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860960309 
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देश के जाने माने व्यक्तियों की कुण्डलियाँ (पोस्ट 1 - माननीय नरेंद्र मोदी) .....

मित्रों आज से हम एक नई सेवा का आगास करने जा रहे है। इस में हम देश के जाने माने व्यक्तियों की कुंडलियों पर चर्चा करेंगे। (इस पोस्ट में जो भी फलादेश दिए गए हैं वे सब स्वर्गीय पंडित रूपचंद जोशी जी के द्वारा रचित लाल किताब के नियमों पर आधारित हैं। यह पोस्ट ज्योतिष सीखने या उसमे रूचि रखने वाले व्यक्तियों के लिए दी गई हैं ना कि किसी व्यक्ति विशेष की भावनाओं को ठेस पहुँचाने के मकसद से नहीं। अगर किसी भी व्यक्ति को इस पोस्ट से कोई भी आपत्ति हो वह तुरंत मैसेज बॉक्स में मैसेज छोड़ दे या इस पोस्ट के बारे में अपनी कोई भी राय देना चाहता हो वह भी मैसेज बॉक्स में अपनी राय दे। इस का हम तह दिल से स्वागत करते हैं।) मित्रों अगर आप की कुंडली में भी ऐसा योग हैं और आप को उस का सही फल नहीं मिल पा रहा हो तो एक बार आप अपनी कुंडली का विश्लेषण किसी ज्योतिषाचार्य से अवश्य करवाएं। 
मित्रों मोदी जी की कुंडली में खाना नं 4 में बृहस्पत, और खाना नं 10 में शनि, शुक्र मुश्तरका हैं। लाल किताब में कहा जाता है कि खाना नं 1,4,7,10 बंद मुट्ठी के खाने और साथ लाया हुआ धन। अतः मोदी जी की कुंडली के चार बंद मुट्ठी खानों में से तीन खानों में बैठे हुए ग्रह बहुत ही शुभ स्तिथि में हैं। साथ ही कुंडली के नौ ग्रहों में से पांच ग्रह तो केंद्र में ही मौजूद हैं और वह भी अति शुभ स्तिथि में। ( लाल किताब के ज्योतिषाचार्य तो भली भांति समझ गए होंगे की यदि ग्रह ऊपर लिखित योग बनाये तो जातक पर इस का क्या प्रभाव पड़ता है। ) अब मैं लाल किताब में छिपे एक ऐसे योग की चर्चा करने जा रहा हूँ जिसके प्रभाव से कुंडली में एक बुरा योग शुभ योग में तब्दील हो गया। वह है शनि शुक्र का मस्नूई योग। इस मस्नूई योग से केतु (उच्च) बनता है और उच्च केतु व्यक्ति को अच्छा डिक्टेटर भी बनाता है। क्यों कि मोदी जी की कुंडली में सूर्य + बुध + केतु तीनो मुश्तरका खाना नं 11 में (जिसे न्याय का घर भी कहते हैं) मौजूद हैं। लिहाज़ा शनि शुक्र मुश्तरका, मस्नूई केतु (उच्च) हो जाने से मोदी जी को केतु की चीज़ें, कारोबार तथा रिश्तेदार भतीजे, भांजे मंदा प्रभाव नहीं देंगे या उनकी दौलत खा-पीकर बर्बाद नहीं करेंगे। हंसाएं, खिलाये, पिलाये का नाम होगा, रुलाने-डांटने की बदनामी नहीं मिलेगी। लोग मोदी जी की नेकी को आने वाले कई सालोँ तक बार बार याद करेंगे और बदी को भूल जायेंगे। क्योंकि चन्द्र देव केंद्र में हैं और चन्द्र के इष्ट देव हैं शिव शंकर और मोदी जी जितना भोले शंकर की पूजा अराधना करते रहें गए उतना ही जीवन में सफल होंगे। 
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। 
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