गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………
मित्रो आज मैं आप सभी को लाल किताब के आधार पर बुरे ग्रहों के प्रकोप से होने वाली कुछ बिमारियों का एक छोटा सा परिचय देने जा रहा हूँ। मित्रों आप को जान कर हैरानी होगी कि आज संसार में बहुत सी बीमारियां ऐसी है जिन के कारणों का अभी तक पता नहीं लग सका है। जैसे कि एक बीमारी है लकवा जिसे इंग्लिश में पेरलाइस भी कहते हैं। लेकिन लाल किताब में ऐसी बीमारी के होने के योगों के बारे में पता लग जाता है।
मित्रो लाल किताब ज्योतिष में किसी की भी जन्म कुंडली देख कर आसानी से ये पता चल जाता है कि फलां व्यक्ति को किस उम्र में कौन सी बीमारी होने के आसार हैं और सही समय पर कुंडली दिखा कर लाल किताब के उपाय कर लिए जाएँ तो इन बुरी बिमारियों से बचाव आसानी से सम्भव है।
- गुस्सा ज्यादा, जब किसी की कुंडली में सूर्य घर 1 में हो,सूर्य मंगल एक साथ हों,सूर्य शनि एक साथ या सूर्य शनि मंगल एक साथ हों तो ऐसे व्यक्ति को ज्यादा गुस्सा और जल्दी ही गुस्सा आ जाता है।
- बुध मंगल एक साथ हों तो ऐसे व्यक्ति को खून से सम्बंधित परेशानी से गुजरना होता है साथ ही जब मंगल के कारण से बुध ज्यादा खराब हो जाये तो हाई प्रेशर की परेशानी, साथ ही मंगल बुध दोनों ज्यादा बुरे हाल तो पागल पन की बीमारी हो जाती है और गैस एसिडिटी कब्ज की भी शिकायत रहती है। इस योग के कारण लिवर से सम्बंधित बीमारी भी हो जाती हैं।
- मंगल शनि का योग भी गैस की परेशानी देता है।
- शनि देव घर 1 में हों तो भी गैस की प्रॉब्लम देते हैं।
- सूर्य शुक्र एक साथ हों तो शरीर में जोश की कमी हो जाती है। ऐसे व्यक्ति में सेक्स की छमता कमजोर हो जाती है। जीवन साथी के शरीर में भी अंदरूनी बीमारी हो जाती है।
- राहू शुक्र के मिलने से व्यक्ति को नपुंसकता अनुभव होती है। क्योंकि ऐसा व्यक्ति कम उम्र में ही अपने वीर्य को नष्ट कर लेता है। वीर्य से सम्बंधित बीमारी जैसे स्पर्म की कमी आदि। इसके अतिरिक्त शरीर में कैलशियम की कमी हो जाती है।
- बुध और गुरु देव मिलते हों तो अस्थमा या साइनस की बीमारी हो जाती है। ये दोनों जिस घर में बैठे हों उस घर से सम्बंधित बीमारी भी देते हैं। जैसे दोनों खाना नं 7, 12 में बैठ जाएँ तो नपुंसकता तक बना देते हैं।
- सूर्य बुध राहू मिलते हों तो आथरायटिश की बीमारी देते हैं।
- सूर्य नीच का या शनि राहू के साथ सम्बन्ध बना ले और गुरु बुध या गुरु राहू का योग हो जाये तो पीलिया जैसी गन्दी बीमारी जीवन में कई बार होती है।
- जिस व्यक्ति की कुंडली में केतु देव नीच के होंगे उसके कमर पाँवो जोड़ों में दर्द की शिकायत बनी रहेगी। साथ ही उसे पेशाब और किडनी के परेशानी भी देते हैं। "इस के बारे में मैंने विस्तार से पहले पोस्ट में लिखा था। "
- बुध गुरु,राहू गुरु दिमाग को सही दिशा नहीं मिलने देते। अजीब अजीब सी भ्रांतियां होती हैं।
- मंगल बुध एक साथ और सूर्य शनि भी मिल रहे हों तो कैंसर जैसी बुरी बीमारी बन जाती है।
- राहू गुरु मिलते हों तो अस्थमा, tb(तपेदिक), फेफड़ों से सम्बंधित और साँस की तकलीफ देते हैं।
- चन्द्र देव जब शुक्र देव के साथ मिलते हो तो आँखों और चमड़ी से सम्बंधित बीमारी जैसे सफेद दाग, चमड़ी पर चककत्ते आदि हो जाते हैं।
- चन्द्र बुध जिस जातक की कुंडली में मिलते हों वो व्यक्ति बहुत ही जिददी हो जाता है और जिद ज्यादा होने के कारण किसी की बात नहीं मानता और अपना जीवन नर्क बना लेता है।
- सूर्य मंगल बुध या बुध मंगल मिलते हों तो ऐसे व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत कम उम्र में शुरू हो जाती है। नासिकायों या नाड़ियों में ब्लोकेज हो जाती हैं। खून से सम्बंधित बीमारी परेशानी खड़ी रहती है।
- केतु खराब नीच के मन्दे हों और गुरु देव भी बुरे हाल साथ ही चन्द्र देव भी नीच मन्दे हों तो नर औलाद पैदा करने की शक्ति नष्ट हो जाती है। लेकिन कन्या सन्तान पैदा होने में कोई परेशानी नहीं होगी।
- नफ़ा नुक्सान, फतह शिकस्त, सुख दुख, सेहत बीमारी, ज़िन्दगी के हर दो पहलू हैं। वर्षफल के हिसाब से खाना नं. 3, 5, 8 , 11 की मन्दी हालत से मन्दे नतीजे होंगे। अगर यह सब कुण्डली के खाने खाली हों तो खाना नं. 4 भेदी होगा।
- बीमारी का आगाज़ खाना नं. 8 से शुरू होगा। खाना नं. 2,4 बहाना होंगे। खाना नं. 10 इसमें लहरें बढ़ा देगा। खाना नं. 5 रूपए पैसे का खर्च और खाना नं. 3 दुनिया से चले जाने का हुक्म सुना देगा। खाना नं. 3 के ग्रह खाना नं. 8 की मन्दी हालत से बचाने वाले होंगे बशर्ते कि खाना नं. 11 के दुश्मन ग्रहों से वह मन्दा न हो। आखिरी अपील सुनने का मालिक चन्द्र होगा। अगर चन्द्र खाना नं. 4 में बैठा हो और राहु केतु खाना नं. 2,8 या 6,12 में बैठे हों तो उम्र के ताल्लुक में कोई मन्दा असर न लेंगे।
- जैसा कि बीमारी का बहाना खानां. 2 से शुरू होता है और उसमें लहरें खाना नं. 10 पैदा करेगा। इसलिए जब खाना नं. 2 बाहम दुश्मन ग्रह बैठे हों या उनका असर खाना नं. 8 में बैठे हुए दुश्मन ग्रहों के सबब से मन्दा हो रहा हो तो ऐसी ज़हर का खाना नं. 2 पर कोई बुरा असर न होगा । मगर उसी वक्त खाना नं. 10 खाली न हो तो खाना नं. 2 में पैदाशुदा ज़हर बीमारी का बहाना और उसमें लहरों की रफ्तार में ज़रूर दखल देगी। लेकिन अगर खाना नं. 10 खाली हो तो नं. 2 के बाहम दुश्मन ग्रहों का बीमारी के ताल्लुक में कोई दखल न होगा।
- मन्दे ग्रह जिस दिन खाना नं. 3 या 9 में आवें, बुरा वाक्य होगा। जिसकी बुनियाद पर राहु केतु की शरारत होगी। राहु की बुरी भली तासीर का पता बुध और केतु की नेक व बद नियत का सुराग बृहस्पति बता देगा। जिसकी रोकथाम खाना नं. 8 से और मुकम्मल इलाज खाना नं. 5 करेगा। लेकिन अगर खाना नं. 5 खाली हो तो उम्दा सेहत होगी और अगर बीमार हो भी जाए तो खुद-ब-खुद ही तन्दरूस्त हो जायेगा। खुलास्तन खाना नं. 3 बीमारी के बहाना से अगर बर्बादी देता है तो खाना नं. 5 मुर्दा जिस्म में रूह वापिस डाल देता है। इन दोनों खाना नं. 3 और 5 की बुनियाद खाना नं. 9 होगा। अगर खाना नं. 3 व 5 दोनो ही खाली हों तो नं. 2, 6, 8, 12 का मुश्तर्का फैसला, नतीजा होगा। जिसकी आखिरी अपील चन्द्र पर होगी। बृहस्पति मन्दा हो तो खाना नं. 5 पर मन्दा असर होता है।
- खाना नं. 3, 9 मन्दे हो तो नं. 5 मन्दा होगा। लेकिन अगर खाना नं. 9 में सूरज या चन्द्र हो तो नं. 5 उम्दा होगा। खाना नं. 10 के लिए नं. 5, 6 के ग्रह ज़हरी दुश्मन होंगे। जन्म कुण्डली में जब सूरज या चन्द्र के साथ शुक्र बुध या कोई पापी बैठा हो तो जिस वक्त वह नं. 1, 6, 7, 8, 10 में आवें, सेहत के ताल्लुक में मन्दा वक्त होगा।
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें।
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है।
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आचार्य हेमंत अग्रवाल
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860960309
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
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सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें।
माता रानी सब को खुशीआं दे।
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