Thursday, 21 May 2015

दान से सम्बंधित कुछ नियम .....

जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………
मित्रों आप सब को आचार्य हेमंत अग्रवाल का नमस्कार। मित्रों मैं आप सब का धन्यवाद करता हूँ कि आप सब समय निकाल कर मेरे आर्टिकल्स पड़ते हैं और उनसे अधिक अधिक लाभ उठाते हैं। अगर आप सब को आर्टिकल्स में किसी  सब्जेक्ट के बारे में और अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो आप निसंकोच मुझसे संपर्क कर सकते हैं। जो कि मुझे आर्टिकल्स को और भी बेहतर बनाने में उत्साहित करेगा। मित्रों अगर आप की ज़िंदगी में कोई भी समस्या चल रही है और आप उससे निजाद पाना चाहते है तो मुझे ज़रूर लिखें और मैं पूरी कोशिश करूंगा कि उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी आप लोगों को मुहैया करवा सकूँ।
मित्रो आज मैं आपको दान से सम्बंधित कुछ नियम जो की लाल किताब ज्योतिष में बहुत महतवपूर्ण हैं। लाल किताब में एक नियम है क़ि जो ग्रह आपकी कुंडली में नीच होकर बैठे हैं, उनसे सम्बंधित वस्तुएं दान करें और जो ग्रह आपकी कुंडली में उच्च के बैठे हों उनसे सम्बंधित वस्तुएं आप दान ना करें, ना ही फ्री में किसी को दें और न ही उपहार में दें
नीच का ग्रह - जो ग्रह आपकी कुंडली में नीच का बैठा होगा वो आपको बुरा फल देगा मतलब उस ग्रह से सम्बंधित रिस्तेदार आपको नुकसान पहुचायेंगे उनसे आपको कष्ट मिलेगा। उस ग्रह से सम्बंधित काम काज में नुकसान होगा। उस ग्रह से सम्बंधित सुख आपको नहीं मिलेंगे। बल्कि उस ग्रह से सम्बंधित सुख आपके लिए दुःख का कारण बनेंगे और लाल किताब में नियम है कि जो ग्रह नीच मतलब हमारे जीवन में दुःख का कारण है उस ग्रह से सम्बंधित सामान हम अपने से दूर करें मतलब उस ग्रह का दुष प्रभाव अपने आप से दूर करें और जब आप उस नीच के ग्रह की वस्तुएं दान या गिफ्ट करेंगे तो उस नीच ग्रह का दुष्य प्रभाव आपकी औरा से दूर हो जायेगा जिससे आपको उस नीच ग्रह के दुष्प्रभाव से बचाव होता रहेगा।
उदाहरण - मंगल खाना नंबर 4 में नीच के होते हैं जंहा वो घर में खुशियाँ नहीं मनाने देते शादी व्याह देर से होते हैं उसमे भी कलेश का वातावरण बन जाता है। भाई भाई, यार दोस्त में सम्बन्ध ख़राब हो जाते हैं। मंगल के खाना नंबर 4 में नीच होने के कारण तो यहां पर हमें मंगल की वस्तु मीठा या मिठाई, पतीसा ग़रीबों में बाटें या दान करें या मसूर साबुत जल प्रवाह करें या दान करें
उच्च के ग्रह - जो ग्रह आपकी कुंडली में उच्च का बैठा होगा वो ग्रह आपको शुभ प्रभाव देगा तो उस ग्रह से सम्बंधित रिस्तेदार आपको फायदा पहुंचाएंगे उस ग्रह से सम्बंधित काम काज आपके लिए अच्छा रहेगा और उस ग्रह के सुख आपको खुल के मिलेंगे।
उदाहरण - गुरु देव ब्रह्स्पति घर 4 में उच्च के होते हैं। गुरु घर 4 में बैठ कर अपना शुभ प्रभाव देते हैं जिस कारण ऐसे व्यक्ति को अपने बुजुर्गों से भरपूर प्यार रुपया पैसा प्रॉपर्टी मिलती है घर में सब लोग मिल के रहते हैं घर के बच्चों की पढ़ाई लिखाई अच्छी प्रकार से होती है। घर के बच्चों को अच्छे संस्कार मिलते हैं। लेकिन आप गुरु से सम्बंधित सामान सोना, केसर, हल्दी, चना दाल किसी को दान या फ्री में ना दें क्यूंकि उपरोक्त सुख जो आपको मिल रहे हैं वो गुरु के शुभ प्रभाव के कारण मिल रहे हैं। अगर आप गुरु की वस्तुओं को दान करेंगे तो गुरु का शुभ प्रभाव आपकी ओरा से दूर होती जायेगी जिसकी बजह से आपके जीवन में गुरु के अच्छे फल मिलने बंद हो जायेगें
लेकिन यंहा पर एक बात जो चंद्र देव के विषय में मान्य है बता दूं। सभी ग्रहों में अकेले चंद्र देव ऐसे हैं जो नीच के बैठे हो तब भी चंद्र से सम्बंधित सामान दान ना करें। चंद्र देव घर 8 में नीच के होते हैं इसके अतिरिक्त घर 6,12 में भी अपने नीच फल के होते हैं पर चंद्र के नीच होने पर भी चंद्र देव से सम्बंधित सामान का दान नहीं करना चाहिए। क्योंकि चंद्र घर 6,8,12 में कमजोर हो जाते हैं और चंद्र देव हमेशा पॉजिटिव एनर्जी ही देते हैं। क्योंकि चन्द्र देव को माँ माना जाता है और माँ कभी भी किसी भी हालात में अपनी औलाद का बुरा नहीं सोचती। इस कारण चंद्र की पॉजिटिव एनर्जी जो उनके कमजोर होने से पहले ही कम है, उसे दान या गिफ्ट देने से वो और भी कम हो जायेगी। जब चंद्र देव घर 6,8,12 में हों तो दूध पानी चावल चीनी और चांदी का दान या गिफ्ट नहीं करें।
इसके अतिरिक्त और भी नियम हैं जिनका पालन करने से हमारी जिंदगी में आने बाले बुरे समय को टाला जा सकता है।
  • शुक देव जब घर 9 में हों तो और सन्तान ना हो तो किसी का बच्चा गोद ले लिया जाये तो बर्बादी का कारण बनेगा।
  • शनि घर 10 में हों और व्यक्ति धार्मिक स्थान या तीर्थ यात्रा पर तो एक बार उठेगा जरूर लेकिन उठने के बाद ऐसा गिरेगा की दुबारा उठना मुश्किल हो जायेगा।
  • गुरु घर 10 के समय व्यक्ति अध्यात्म की तरफ ना जाये बल्कि चंट चालाकी से अपना काम काज करे तो ही अच्छा रहेगा।
  • सूर्य घर 7 या 8 में हों तो सूर्य उदय से पहले और सूर्य अस्त के बाद किया हुआ दान जीवन बर्बाद कर देगा।
  • चंद्र घर 4 और गुरु घर 10 में आमने सामने बैठ जाएँ तो मंदिर ना बनबाये ना ही मंदिर बनबाने के लिए कोई सामान या रुपया पैसा दें। ऐसा करने पर झूठे इल्जाम लगते हैं।
  • चंद्र घर 12 में हों तो किसी बच्चे को फ्री में ट्यूशन ना दें ना ही ना ही पाठ्य सामग्री दें और ना ही साधू महात्मा को चाय पानी की पूछे ना ही उनके साथ रहें, नहीं तो आखिरी समय पानी के लिए भी तरसना पड़ जायेगा।
  • शनि देव घर 8 में हों और व्यक्ति धर्मशाला बनबाये या धर्मशाला को बनबाने में सामान या रुपया पैसा दे तो सिर पर मौत मंडराने लगेगी।
  • गुरु घर 7 में हों तो कपड़े का दान ना करें खास तौर से उतरे कपड़े और रेडीमेड कपड़े नहीं तो खुद बिना कपड़े के रहना पड़ जायेगा। साथ ही साधू महात्मा से भी दूर रहें।
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। 
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है। 
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य को दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 11000.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है। 
आचार्य हेमंत अग्रवाल 
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860960309 
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a033@gmail.com 
सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें। 
माता रानी सब को खुशीआं दे।

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