Saturday, 21 March 2015

कुण्डली में गोचर का फलादेश ...........

जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ……… 
कुण्डली में गोचर का फलादेश लग्न या चन्द्र राशि या सूर्य राशि को इसमें से किसको मान के करना चाहिये। …… जैसा की सब को पता हैं की ज्योतिष हजारों साल पुरानी हैं और उस समय में कागज तो होता नहीं था लिखने के लिए ............. पत्तो पे … धातुओं पे ....... जानवरों की खालों पे ………… या कुछ अन्य चीजों पे लिखा जाता था ........ सभयता के विकास में आज हजारों साल बाद उन चीजों का मिलना उसी रूप में असंभव हैं ............. जिस इंसान को जिस टाइम पे जो मिला उसने अपने हिसाब से उसमे परिवर्तन कर दिया ............. किसी को कोई अधूरा ग्रन्थ मिला जिसमे शुरुवात में लिखा था कि इसमें 200 श्लोक हैं लेकिन मिले 190 तो उसने 10 अपने मन से जोड़ दिए। ………… किसी को कोई ग्रन्थ मिला जिसमे 200 श्लोक पे अंत था लेकिन सुरु के 10 नहीं थे तो उसने सुरु में 10 जोड़ दिए ……… इस तरह से न जाने कितनी बार जोड़ा घटाया गया होगा ………… और दूसरी बात आज से हजारों साल पहले समय का पैमाना घटी पल प्रहर होता था जिसमे मिनट्स या सेकण्ड्स तक का कैलकुलेशन असंभव था जिससे लग्न सही निकालना कठिन था ............. और लग्न के बाद फास्टेस्ट मूविंग प्लानेट मून को लेके प्रेडिक्शन करना चालू हुआ होगा ............. दूसरा कारण ये हो सकता हैं कि आज से ५०० साल पहले ब्राहम्मण समाज काफी गरीब था .......... घर परिवार चलाने के लिए उसने कुछ परिवर्तन कर लिए होंगे ……… उस समय घड़िआं तो थी नहीं सो टाइम सही शायद ही किसी का होता होगा या बहुतों को पता ही नहीं होगा टाइम ………… सो अगर कोई आया उसने कहा टाइम तो पता नहीं लेकिन दिन पता हैं तो उस एस्ट्रोलोजर ने उस टाइम सोचा होगा ………… चन्द्रमा तो मन का कारक हैं ही चलो चन्द्र कुंडली से बता दिया जाये कुछ तो सही निकलेगा ही ............. इस तरह से चन्द्र कुंडली का प्रयोग बढ़ा होगा .......... कुछ ऐसे आयें होंगे जिनको अपना दिन भी नहीं पता होगा लेकिन महीना जरूर पता होगा सो उनको मना करने के बजाय उनकी सूर्य कुंडली से फलित बताना शुरू कर दिया गया होगा ……… क्योंकि सूर्य एक महीने तक एक राशि में रहता हैं ............... इस तरह से शायद चन्द्र या सूर्य कुंडली प्रचलन ज्यादा होने लगा होगा .......... लेकिन आज जब हम लग्न आसानी से एक्यूरेट निकाल सकते हैं और सारे योग आदि लग्न कुंडली से देखते हैं सारी चीजें लग्न कुंडली से ही देखते हैं ………… तो गोचर भी लग्न कुंडली से देखना चाहिए .......... और लग्न से गोचर ज्यादा अच्छे फल देता हैं ये अनुभव में भी आता हैं ………… वैसे भी जिस चीज की जानकारी लगन कुंडली में नहीं हैं अगर वो चन्द्र कुंडली या सूर्य कुंडली में हैं तो वो घटेगी या नहीं घटेगी कहा नहीं जा सकता …… लेकिन जो चीज लग्न कुंडली में हैं और चन्द्र कुंडली में भी हैं या सूर्य कुंडली में भी हैं तो वो 100% घटेगी ................ बाकी हर इंसान अपने में स्वतंत्र हैं वो जिससे देखना चाहें देखें ………… लग्न से या चन्द्र से या सूर्य से।
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। 
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है। 
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य को दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 2100.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है। 
आचार्य हेमंत अग्रवाल 
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव 
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860954309 
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a024@gmail.com 
सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें। 
माता रानी सब को खुशीआं दे।

No comments:

Post a Comment