Saturday, 21 March 2015

वर वधु कि कुण्डली मिलान ..........


जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………
*** वर वधु कि कुण्डली मिलान करते समय किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है? ***
आज के समय में धीरे धीरे कुण्डली मिलान का मूल स्वरूप नष्ट होता जा रहा है । अब केवल मात्र गुण मिलान ओर मांगलिक दोष को ही ध्यान में रखा जाने लगा है । कुण्डली में 1,4,7,8,12 वे स्थान पर मंगल ग्रह को देखते ही मांगलिक दोष कि घोषणा कर दी जाती है । जब कि यह गलत है, क्यों कि कुण्डली में कभी कभी मांगलिक दोष भंग भी हो रहा होता है, किन्तु उस ओर किसी किसी का ही ध्यान जाता है।
मांगलिक दोष केवल मात्र मंगल से ही नहीं बनता है, मंगल दोष के समान ही शनि, सूर्य, राहु ओर क्षीण चन्द्रमा से भी दुर्योग बनते है । कई बार गुण ना मिलने पर नाम बदलकर गुण मिलान कर दिये जाते है, यह भी 100% गलत है । विधाता के लेख को एक इन्सान नही बदल सकता है ।
कुण्डली मिलान में ध्यान रखने योग्य बाते:--
1. (प्रथमं आयु परिक्ष्येत) सर्वप्रथम वर, वधु आयु का विचार करना चाहिये ।
2. वर वधु का चरित्र केसा है ?कही चरित्रहीन तो नही है ।
3. वर वधु का भाग्य केसा है ? विवाह के बाद जीवन में अच्छा या बुरा किस प्रकार का परिवर्तन होगा।
4. वर वधु कि कुण्डली में कहीं क्लीब योग ( नपुंसक योग) तो नही है ।
5. वर वधु कि कुण्डली में संतान प्राप्ति का योग है या नहीं ।
6. आपका जीवनसाथी आपके प्रति कितना वफादार होगा ।
7. वर ओर वधु कि ग्रह दशा कहीं एक साथ ही तो खराब नहीं हो रही है ? क्यों कि दोनो का एक साथ समय खराब होना, जीवन को नर्कमय बना देता है । दोनो में से एक का समय ठीक हो तो परिस्थिति पर विजय मिल जाती है ।
8. वर वधु कि कुण्डली में धन योग है या नहीं । क्यों कि धन के बिना जीवन असम्भव है ।
9. वर वधु का स्वभाव किस प्रकार का है ? दोनो मे से किसी एक का खराब स्वभाव वैवाहिक जीवन को नष्ट कर देता है ।
इन सब बातो का विचार कुण्डली मिलान के समय करना चाहिये ।
प्रेम विवाह करने वालो को अपने आप पर पूर्ण भरोसा होता है, उन्हे पूरा विश्वास होता है कि उनका जीवन सुखी रहेगा, किन्तु सबसे अधिक तलाक प्रेम विवाह करने वालो के ही होते है । अधिकांश लोग तर्क देते है कि विदेशो में इन सब बातो पर कोइ ध्यान नही दिया जाता है, फिर भी वहाँ के लोग सुखी क्यों है ?
उत्तर:-- विदेशो में सबसे अधिक तलाक होते है, ओर उन्हे तलाक से कोइ फर्क नही पडता है यह उनके लिये आम बात है। जब तक मन रहा साथ रहते है, जब मन किया छोड देते है ।
विवाह मानव जीवन कि एक महत्वपूर्ण घटना है । हमारे भारतीय समाज में एक ही विवाह को श्रेष्ठ
माना गया है । तलाक लेकर दूसरा विवाह करने वालो को अच्छी दृष्टि से नही देखा जाता है ।
अतः विवाह का फैसला बहुत ही सोच समझकर लेना चाहिये ।
मित्रो उपाय और भी बहुत सारे है । जिनको यहाँ लिख पाना संभव नही है । और उनको अपने जीवन में उतारकर हम अपने जीवन को सुखमय बना सकते है ।
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माता रानी सब को खुशीआं दे।

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