जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………मित्रों आप सब को आचार्य हेमंत अग्रवाल का नमस्कार। मित्रों मैं आप सब का धन्यवाद करता हूँ कि आप सब समय निकाल कर मेरे आर्टिकल्स पड़ते हैं और उनसे अधिक अधिक लाभ उठाते हैं। अगर आप सब को आर्टिकल्स में किसी सब्जेक्ट के बारे में और अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो आप निसंकोच मुझसे संपर्क कर सकते हैं। जो कि मुझे आर्टिकल्स को और भी बेहतर बनाने में उत्साहित करेगा। मित्रों अगर आप की ज़िंदगी में कोई भी समस्या चल रही है और आप उससे निजाद पाना चाहते है तो मुझे ज़रूर लिखें और मैं पूरी कोशिश करूंगा कि उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी आप लोगों को मुहैया करवा सकूँ।
विशेष नोट : लाल किताब के योग कई बार अति विकसित पद्धतियों से टकराते हैं तो आश्चर्य होता है। विश्व्विखियात ज्योतिषविद कृष्णामूर्ति की पद्धति का एक योग (शनि खाना नं 10) प्रस्तुत किया जा रहा है। 10 में शनि की राशि हो या स्वयं शनि जन्मकुंडली में 10 वें भाव में हो तो… Speedy Promotion to a high level, sudden reversal and adversary. Ambition for power and prestige, yet financial loss in business ultimately. "The actors, politicians and powerful people had Saturn in 10 reached the highest position and fell down to a depth much greater than the height they climbed." लाल किताब में लिखा है कि जातक धर्मात्मा हो तो ऐसा योग बनता है। कृष्णमूर्ति भी कहते हैं कि उसे तीर्थ यात्रा के अवसर प्राप्त होंगे। वह प्रचारक बन के विदेश यात्रा भी कर सकता है। वह धार्मिक नेता भी हो सकता है और जब उसके पास कुछ भी न रहे तो करपात्री सन्यासी भी हो सकता है। परन्तु जहाँ तक धन, वैभव और संपत्ति का सम्वन्ध हो उसके बारे में लाल किताब में लिखा है : जातक बाग, जंगल, पर्वत तथा अलग अलग सम्पत्तियों का मालिक, अति बुद्धिमान और तख़्त हज़ारी, यश और मान पाकर अंततः ऐसा गिरता है कि उसका निशान भी ढूंढने से नहीं मिलता।
विशेष नोट : लाल किताब के योग कई बार अति विकसित पद्धतियों से टकराते हैं तो आश्चर्य होता है। विश्व्विखियात ज्योतिषविद कृष्णामूर्ति की पद्धति का एक योग (शनि खाना नं 10) प्रस्तुत किया जा रहा है। 10 में शनि की राशि हो या स्वयं शनि जन्मकुंडली में 10 वें भाव में हो तो… Speedy Promotion to a high level, sudden reversal and adversary. Ambition for power and prestige, yet financial loss in business ultimately. "The actors, politicians and powerful people had Saturn in 10 reached the highest position and fell down to a depth much greater than the height they climbed." लाल किताब में लिखा है कि जातक धर्मात्मा हो तो ऐसा योग बनता है। कृष्णमूर्ति भी कहते हैं कि उसे तीर्थ यात्रा के अवसर प्राप्त होंगे। वह प्रचारक बन के विदेश यात्रा भी कर सकता है। वह धार्मिक नेता भी हो सकता है और जब उसके पास कुछ भी न रहे तो करपात्री सन्यासी भी हो सकता है। परन्तु जहाँ तक धन, वैभव और संपत्ति का सम्वन्ध हो उसके बारे में लाल किताब में लिखा है : जातक बाग, जंगल, पर्वत तथा अलग अलग सम्पत्तियों का मालिक, अति बुद्धिमान और तख़्त हज़ारी, यश और मान पाकर अंततः ऐसा गिरता है कि उसका निशान भी ढूंढने से नहीं मिलता।
मित्रों आज मैं कुंडली में मौजूद कुछ ऐसे योगों के बारे में चर्चा करने जा रहा हूँ जिससे आप जान पाएंगे कि जीवन में कभी आपका अपना मकान होगा कि नहीं इत्यादि (मित्रों यह एक सीमित पोस्ट है और यहाँ मकान से सम्बंधित लाल किताब के सिद्धांतों से जाहिर सभी योगों का ज़िकर कर पाना शायद मुमकिन ना हो पायेगा और मैं जनता हूँ कि आप सब अपनी कुंडली के आधार पर मकान के योगों के बारे में जानने के लिए उत्सुक होंगे) लाल किताब में लिखा है कि
"टेवे बैठे ग्रह 1 ता 9वें, दाएं दाखिला बोलते हैं,
चलते 12 से घर 9 आवें, असर बाएं देते हैं।"
जन्म कुण्डली के मुताबिक जो ग्रह खाना नं. 1 से 9 तक बैठे हों वह अपना असर मकान के दाखिल होते हुए दाएं हाथ की तरफ ज़ाहिर किया करते हैं और खाना नं. 12 से 10 तक बैठे हुए ग्रह मकान के बाएं तरफ अपना असर ज़ाहिर करते हैं। मकान की बुनियाद डालने के दिन से 3 या 18 साल की मियाद के बाद हर मकान अपना असर ज़रूर देगा। जन्म कुण्डली में बैठे हुए सनीचर का मकान पर खानावार असर इस तरह होगा।
- शनि खाना नंबर 1 : में नीच का होगा। टेवे वाला अगर मकान बनावे तो काग रेखा। जब सनीचर मन्दा हो तो कौवे की खुराक तक तरसता होवे। निर्धन सब तरफ बर्बादी होगी। लेकिन जब सनीचर उम्दा नंबर 7, 10 खाली हो तो उम्दा फल होगा।
- शनि खाना नंबर 2 : में होवे जो की शुक्र की राशी है तो राहु-केतु का साथ हुआ) मकान जब और जैसा बने, बनने देवें, मुबारक होगा।
- शनि खाना नंबर 3 : जो की मंगल का घर है केतु पालन करें। 3 कुत्ते रखे तो मकान बनेगा। वर्ना गरीबी का कुत्ता भौंकता रहे।
- शनि खाना नंबर 4 : अपने बनाये मकान खाना नं. 4 के सम्बंधित (मुताल्का) रिश्तेदार माता खानदान को ज़हर देंगे (के हक़ में विष के समान होंगे या नीव खोदते ही माता खानदान बर्बाद होने लग जायेगा।
- शनि खाना नंबर 5 : खुद बनाये हुये मकान औलाद की कुर्बानी लेंगे। मगर औलाद के बनाये हुए मकान टेवे वाले के लिए मुबारक होंगें। अगर खुद ही बनाने हो तो सनीचर की जानदार चीजें (अश्या) भैंस-भैंसा बतौर दान देने या बतौर कुर्बानी जि़न्दा छोड़ देने के बाद मकान की बुनियाद रखें तो सनीचर का औलाद पर मन्दा असर न होगा। फिर भी अगर हो सके तो 48 साला उम्र के बाद ही मकान बनावे तो बेहतर होगा।
- शनि खाना नंबर 6 : सनीचर के मियाद 36-39 साला उम्र के बाद मकान बनाना मुबारक होगा। वर्ना अपनी लड़कियों के रिश्तेदारों को तबाह (माली या जानी तौर पर) करेगा।
- शनि खाना नंबर 7 : अव्वल तो बने बनाये मकान ही बहुत मिलेंगे जो मुबारक होंगे। अगर उल्टा बिकने ही लगे तो सबसे पुराने मकान की दहलीज़ कायम रखना(उसे न बेचें न बदलें) सब कुछ वापिस दिलवा देगा।
- शनि खाना नंबर 8 : मकान बनना शुरू हो तो मौतें गूंजने लगे। सनीचर अब राहु केतु की हालत पर अच्छा या बुरा असर देगा।
- शनि खाना नंबर 9 : टेवे वाले की औरत के पेट में बच्चे के वक्त अपनी कमाई से बनाया हुआ मकान पिता को सुखी और सम्पन (आसूदा) हाल या जि़न्दा न छोड़ेगा और जब टेवे वाले के पास 3 जुदा-जुदा रिहायशी मकान कायम हो जायेंगे तो उसका आखिरी वक्त (मौत) पहुंच चुका गिनेंगे। शनि खाना न 9 वाला जातक दो से अधिक मकान बनाने का प्रयास ही न करे।
- शनि खाना नंबर 10 : जब तक मकान न बनावे सनीचर मकान बनाने के लिए सामान जमा करने की कीमत नगद रूपया देता जायेगा। लेकिन जब मकान बन जावे सनीचर बिस्तर तक भी उठाकर ले भागे बल्कि ढूंढने पर भी निशान न मिलेगा और आमदन खत्म होगी।
- शनि खाना नंबर 11 : मकान अमूमन देरी से 55 साला उम्र के बाद बनेगा। दक्षिण मुखी (दक्कन) के दरवाज़े वाले मकान के साथ (रिहायश) से लम्बा अर्सा लेटना (गल सढ़कर मरना) पड़ेगा कहने का भाव है कि दक्षिण में दरवाज़े वाले मकान में निवास से जातक को बहुत लम्बा समय रोग के कारण लेटना पड़ेगा। गल सड़ कर मृत्यु होगी।
- शनि खाना नंबर 12 : सांप (सनीचर) और बन्दर (सूरज) जो कभी अपना बिल या घर नही बनाते अब मकान बनाना सीख लेंगे। यानि अब मकान खुद ब खुद बनेंगे जो मुबारक होंगे। ख्वाह अब सनीचर के साथ सूरज भी नम्बर 12 में ही होवे। टेवे वाले को चाहिए कि बनते मकान को न रोके जैसा बने, बन ही लेने देवें।
वर्षफल के हिसाब से जिस साल सनीचर, राहु केतु से ताल्लुक वाले असूल से जाति सुभाओ में नेक असर का साबित हो रहा हो या राहु केतु के साथ ही बैठा हो तो मकानात बनेगें। लेकिन जब राहु केतु का साथ तो हो मगर सुभाओ के हिसाब से बुरे असर का साबित होवे तो बने बनाये मकान बिकवा या गिरवा देगा और उसका मन्दा असर होगा। खाना नं. 2 मकानात की हालत बतायेगा और खाना नं. 7 मकानों का सुख दुख बताता होगा।
मकान बनाने से पहले तमाम और कुल तह ज़मीन को एक ही गिनकर उसके गोशे या कोने देखे जावें। 4 गोशे वाला रकबा सबसे उत्तम होगा, जिसका हर एक कोना 900 का हो। तीन, पांच या ज्यादा कोने वाला रकबा मन्दा ही होगा। मकान की बुनियादें रखने से पहले तह ज़मीन पर चन्द्र के उपाय से खानदानी नेक व बुरे नतीजे देख लेना भी ज़रूरी होगा। क्योंकि मकान की तह ज़मीन का मालिक चन्द्र होता है। मकान में आने जाने का सबसे बड़ा दरवाज़ा बतरफ मशरिक हो तो सबसे उत्तम मगर जनूब का दरवाज़ा मनहूस ही होगा। बन्द गली का आखिरी मकान भी मन्दा ही होगा। जन्म कुण्डली में दूसरें ग्रहों का जायज़ा ले लेना भी बेहतर होगा।
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें।
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है।
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य को दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 11000.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है।
आचार्य हेमंत अग्रवाल
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860960309
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
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सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें।
माता रानी सब को खुशीआं दे।

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